कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले अन्य << तूने फूँकों से हटाए हैं प... मुठ्ठियों में कैद है जो ख... >> कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासलेन कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिझक गई! Share on: