ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौंक है मगर अन्य << हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधि... ज़हर मीठा हो तो पीने में ... >> ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौंक है मगरमुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किए बग़ैर! Share on: