किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया… Admin तैरना शायरी, अन्य << उदास कर देती हैं ये शामें... उसने जी भर के मुझको चाहा ... >> किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया…बोझ शरीर का नही साँसों का था…. Share on: