कितनों की तक़दीर बदलनी है तुम्हें Admin बदलना शायरी, अन्य << हर दर्द की एक पहचान होती ... जब मुल्ला को मस्जिद में र... >> कितनों की तक़दीर बदलनी है तुम्हेंकितनों को रास्तों पे लाना है तुम्हेंअपने हाथ की लकीरों को मत देखोइन लकीरों से बहुत आगे जाना है तुम्हें। Share on: