कितने दुर तुमसे हो गए है Admin अन्य << खिल सको तो फुल की तरह खि... समां हो फागुन का >> कितने दुर तुमसे हो गए है...अब तो बादलों से बाते होने लगी है...तुझसे बात होना गवांरा नही है...हवाओं से तेरा अहेसास पाने लगे है..!! Share on: