कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है Admin पुलिस शायरी इन हिंदी, अन्य << "हमने अपने नसिब से ज्यादा... जो रहते हैं दिल में >> कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है..मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है,तवायफ फिर भी अच्छी, के वो सीमित है कोठे तक..पुलिस वाला तो चौराहे पर वर्दी बेच देता है Share on: