मचलते जज़्बातों को कुछ यूँ दबाया करते हैं Admin जज़्बा शायरी, अन्य << माना की तेरी एक आवाज़ से ... उस ख़ुदा की तलाश है >> मचलते जज़्बातों को कुछ यूँ दबाया करते हैं..,लफ्ज़ भी बेवफ़ा लबों को समझाया करते हैं.. !! Share on: