मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों Admin नई सुबह शायरी, अन्य << कुछ वजहों की हमने कब कहा कि तुम हमारे ... >> मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों,सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था. Share on: