मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना अन्य << आप के लब पे और वफ़ा की क़... पानी में अक्स और किसी आसम... >> मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते! Share on: