मर्ज़ पुराना था मेरा Admin मुस्कुरा शायरी, अन्य << सादगी अगर हो लफ्जो मे यक... कभी किसी के जज्बातों का म... >> मर्ज़ पुराना था मेरा, दवाओं का असर न हुआ..यार की मुस्कराहट ने मगर तबियत संभाल दी.. Share on: