मोहब्बत भी ठंड जैसी है Admin भीम पर शायरी, अन्य << पसंद अछी है तुमहारी ये सु... रोज़ की तरह आज भी तारे >> मोहब्बत भी ठंड जैसी है ,..लग जाये तो बीमार कर देती है Share on: