न Admin रूठना शायरी इन हिंदी, अन्य << यहाँ हर किसी को बहुत भीड़ हो गई तेरे दिल ... >> न, मोहब्बत का कोई क़ुसूर नहीं, उसेतो मुझसे रूठना ही था ! दिल मेरा शीशेसा साफ़, और शीशे का अंजाम तो टूटना ही था ! Share on: