नदी थी वो Admin समंदर शायरी हिंदी, अन्य << अब आये ना आये इधर……… बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी ... >> नदी थी वो....... वापस मुड़ी नहीं ...समंदर था मैं .....आगे बढ़ा नहीं ... Share on: