"शोहरत" Admin बदनाम शायरी Fb, अन्य << मैं तो एक मामूली सा सख्श ... आरजू नही रखता मैं किसी को... >> "शोहरत" , तो बदनामी से ही मिलती है ऐ साहेबसुना है लोग बदनामी के किस्से कान लगाकर सुनते हैं. Share on: