रोज़ आता है मेरे दिल को तस्सली देने Admin तसल्ली शायरी, अन्य << कुछ उम्दा किस्म के जज़्बा... ज़रूरी नहीं हर बात पर >> रोज़ आता है मेरे दिल को तस्सली देने,ख्याल-ए-यार को मेरा ख्याल कितना है। Share on: