सच को तमीज़ ही नहीं बात करने की अन्य << एक तेरी ज़िद्द ने हमें कि... सुना है आज समंदर को बड़ा ... >> सच को तमीज़ ही नहीं बात करने कीझूठ को देखो, कितना मीठा बोलता है। Share on: