साँसों में रहकर तुम हमारे मेहमान बन गए Admin आपकी मुस्कान शायरी, अन्य << कभी कभी सपने चोरी हो जाते... याद करने की हमने हद कर दी... >> साँसों में रहकर तुम हमारे मेहमान बन गए,बात ऐसी की कि हमारी मुस्कान बन गए,पास रह कर भी लोग हमारे ना हो सके,और आप दूर रह कर भी हमारी जान बन गए.. Share on: