सीढ़ियाँ उनके लिए बनी हैं Admin आत्मसम्मान शायरी, अन्य << 'कहाँ रह गया' बहुत खूब सूरत है आखै तुम्... >> सीढ़ियाँ उनके लिए बनी हैं, जिन्हें छत पर जाना है,लेकिन जिनकी नज़र, आसमान पर हो उन्हें तो रास्ता ख़ुद बनाना है। Share on: