तेरे लब ज्यों नाजुक कोंपल कोई Admin सुनहरे पल शायरी, अन्य << नही नही मुझे और नही देखनी ना-उम्मीदी मौत से कहती है >> तेरे लब ज्यों नाजुक कोंपल कोई,तुम खिलती हुई कली गुलाब सी,आँखें ज्यों मय से भरे प्याले,तुम लगती हो सुनहरे ख्वाब सी..!! Share on: