उसकी बातों पे मुझे....उसकी बातों पे मुझे आज यकीं कुछ कम हैये अलग है कि वो चर्चे में नहीं कुछ कम हैजब से दो चार नए पंख लगे हैं उगनेतब से कहता है कि ये सारी ज़मीं कुछ कम हैमैं ये कहता हूँ कि तुम गौर से देखो ৱ0
24ो सहीजो ज्यादा है जहां वो ही वहीं कुछ कम हैमुल्क तो दूर की बात अपने ही घर में देखोकहीं कुछ चीज ज्यादा है कहीं कुछ कम हैदेख कर जलवा ए रुख आज वही दंग हुएजो थे कहते तेरा महबूब हसीं कुछ कम है।