वो मेरी ग़ज़ल पढ़ कर पहलू बदल के बोले Admin क़लम शायरी, अन्य << दुनिया की ठोकरों से एक ही... अब किसी से बात करना बोलना >> वो मेरी ग़ज़ल पढ़ कर पहलू बदल के बोलेकोई छीने क़लम इस से ये तो जान ले चला है। Share on: