यूँ तो ऐ ज़िंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी Admin सफर शायरी हिंदी, अन्य << उसे गुरुर है कि और भी हैं... जनाब ताकद तो अल्फाजो मैं ... >> यूँ तो ऐ ज़िंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी,मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारें बहुत थी…! Share on: