ज़रुरत तो मुझे तेरी आज भी है ।पर वो कहते है ना मोहब्बत भी ज़रूरी Admin अन्य << करेगा जमाना कदर हमारी भी ... बदमाश तो हम उसी दिन बन गय... >> ज़रुरत तो मुझे तेरी आज भी है ।पर वो कहते है ना मोहब्बत भी ज़रूरी थी ,बिछड़ना भी ज़रूरी था। Share on: