होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का अरमां << हम ये नहीं चाहते कि कोई आ... उन्हें चाहना हमारी कमजोरी... >> होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल काशायद नजरों से वह बात हो जायेइस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार रात काकि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाये। Share on: