कुछ अरमान उन बारिश की बूंदों की तरह होते है अरमां << काश उसे चाहने का अरमान ना... मजबूर मोहब्बत जता न सके >> कुछ अरमान उन बारिश की बूंदों की तरह होते हैजिनको छुने की ख्वाहिश में, हथेलिया तो गीली हो जाती हैपर हाथ हमेशा खाली रह जाते हैं। Share on: