मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें अरमां << हर पल ने कहा एक पल से मुस्कान आपके होंठों से कह... >> मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें, नहीं कोई हुनर बेशक़,मेरी खामी को तू खूबी में तब्दील कर देनामेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दाता,तू अपनी रहमतों से इसको मीठी झील कर देना! Share on: