इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है खुद पर भरोसा शायरी, अश्क << आँसू तेरे निकले पर आँखें ... दिल से तो कई मौसम गुज़र जा... >> इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है, कोई गमो की पनाह में रोता हैअजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है, कोई भरोसे के लिए रोता है, कोई भरोसा करके रोता है। Share on: