ख़ाली नही रहा कभी आँखों का ये मकान Admin देसी शायरी फनी, अश्क << जो ज़रा किसी ने छेड़ा छलक प... मैंने रोते हुए पोंछे थे क... >> ख़ाली नही रहा कभी आँखों का ये मकानसब अश्क़ बाहर गये तो उदासी ठहर गई! Share on: