मेरी आंखों में आँसू हैं ना होठों पे तबस्सुम है Admin आँखों शायरी, अश्क << रगों में दौड़ते फिरने के ... मेरी आंखों में आँसू हैं ना होठों पे तबस्सुम हैसमझ में क्या किसी की आयेगी तर्ज़-ए-फुगां मेरी! Share on: