नींद नहीं आती अपने गुनाहों के डर से "अल्लाह" Admin गुनाहों की शायरी, आध्यात्मिक << दिल कभी ना लगाना दुनिया स... दौलत छोड़ी दुनिया छोड़ी स... >> नींद नहीं आती अपने गुनाहों के डर से "अल्लाह",फिर सुकून से सो जाता हूँ ये सोच कर कि तेरा एक नाम "रहीम" भी तो है। Share on: