इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है Admin तनहाइयाँ शायरी, इंतज़ार << तड़प कर देखो किसी की चाहत ... इंतज़ार रहता है हर शाम तेर... >> इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई हैखामोशियों की आदत सी हो गई हैना शिकवा रहा ना शिकायत किसी सेअगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है। Share on: