ये कश्मकश है ज़िंदगी की इज़हार << लब तो खामोश रहेंगे ये वाद... अपने चेहरे से जो ज़ाहिर ह... >> ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करेंचादर बड़ी करें या, ख़्वाहिशे दफ़न करे! Share on: