भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है Admin मुस्कुरा शायरी, इश्क << गुज़र गया वो वक़्त जब तेर... हम ने भी कह दिया उनसे की ... >> भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,बात कहके तो कोई भी समझलेता है,पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है.. Share on: