छलकते होठो से छू के Admin जिन्दगी शायरी हिंदी, इश्क << कोई तीर जैसा जिगर के पार ... मुझे घमंड था की मेरे चाहन... >> छलकते होठो से छू के,होठो को उन्होंने प्याला बना डाला,पास आई कुछ वो ऐसे..जिन्दगी को उन्होंने मधुशाला बना डाला! Share on: