हर दर्द की दवा हो तुम Admin इश्क का दर्द शायरी, इश्क << आग सूरज में होती है जलना ... कश्ती के मुसाफिर ने समन्द... >> हर दर्द की दवा हो तुम,आज तक जो मांगी मेरी एक लौटी दुआ हो तुम,तुम्हे मिलने की तमन्ना नहीं उठती कभी,क्यूंकि जो हर वक़्त साथ रहती है वो हवा हो तुम. Share on: