Admin वफा शायरी फेसबुक, इश्क << जितना "तुमने" समझा उतनी "... हमारा हक तो नही है फिर भी... >> 61eतुमने अभी देखी ही कहां है हमारी फूलों जैसी वफाहम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं Share on: