जब "याद" "आपकी" आती है तो "आँखे" "सावन" हो जाती है। "स्वर मुखर" आपके होते ही Admin सावन पर शायरी, इश्क << ज़िंदगी के मायने तुझसे है आँखों मे प्यास हुआ करती थ... >> जब "याद" "आपकी" आती है तो "आँखे" "सावन" हो जाती है।"स्वर मुखर" आपके होते ही "मन" "वृन्दावन" हो जाता है।क्या "हृदय वेदना" बतलाऊँ,"यार" "अनुपस्थित" रहना ठीक नहींजब मेरे "सम्मुख" नहीं हो "आप", इक "सूनापन" हो जाता है। Share on: