जहां भी देखा गम का साया Admin खुदा की इबादत शायरी, इश्क << प्यार करो तो हमेशा मुस्कु... तेरी धड़कन ही ज़िंदगी क... >> जहां भी देखा गम का साया,तू ही तू मुझको याद आया,ख्वाबों की कलियां जब टूटी,ये गुलशन लगने लगा पराया,दरिया जब-जब दिल से निकला,एक समंदर आंखों में समाया,मेरे दामन में कुछ तो देते,यूं तो कुछ नहीं मांगा खुदाया| Share on: