जज़्बात बहकता है Admin जज़्बा शायरी, इश्क << आजा अभी सर्दी का मौसम नही... तुझे भूलने की कोशिशें कभी... >> जज़्बात बहकता है, जब तुमसे मिलती हूँअरमां मचलता है, जब तुमसे मिलती हूँहाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैंदिल से दिल मिलते हैं, जब तुमसे मिलती हूँ! Share on: