जो मज़ा मोहब्बत में दूर से आता है Admin सच्ची दोस्ती शायरी, इश्क << मूझे भूल कर सोना तो अब ते... कस्तिया रह जाती है >> जो मज़ा मोहब्बत में दूर से आता है,पास आ के वो कुछ पाने की चाहत करता है।सच्ची मोहब्बत तो नसीब से मिलती हैँजिस्म का नशा तो हर कोई करता है। Share on: