काफ़िर के दिल से आया हूं मैं ये देखकर Admin इश्क << वो अपने कर्मों को उंगलियो... अगर होता यकीं के तुम मिलन... >> काफ़िर के दिल से आया हूं मैं ये देखकरख़ुदा मौजूद है वहां, पर उसे पता नहीं। Share on: