कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे Admin समन्दर पर शायरी, इश्क << इश्कवाले आँखो से आँखो की ... करीब आ जाओ जीना मुश्किल ह... >> कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता ।कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता। Share on: