कुछ हौंसलों की आदत हो चली है Admin इश्क << मेरी रूह को छू लेने के लि... तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का ... >> कुछ हौंसलों की आदत हो चली है....कुछ इश्क की इबादत हो चली है.....बदलते नहीं हैं रुख हम हवाओं की तरह.....हमें तूफानों में कश्तियाँ चलाने की आदत हो चली है...!! Share on: