क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता है इश्क ज़माना दोस्त है सारा >> क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता हैअब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है!*हिज्र: जुदाई, वियोग, विछोह, विरह Share on: