लाल होंठों के लफ़्ज़ों पे है नुक्ते सा एक काला तिल एक ग़ज़ल जैसा वो चेहरा Admin शायरी काला धन, इश्क << हाल ए दिल सबसे छुपाने में... झील सी गहरी आँखे थी उनकी।... >> लाल होंठों के लफ़्ज़ों पे है नुक्ते सा एक काला तिलएक ग़ज़ल जैसा वो चेहरा जिसपे आज नकाब नहीं Share on: