मेरे मन से निकल कर तुम कुछ पन्नों में सिमट गई हो हम चाहते थे खुश Admin पन्ने शायरी, इश्क << में दिल हूं मेरी जान तुम ... ओ कहते है इश्क न करना >> मेरे मन से निकल कर तुम कुछ पन्नों में सिमट गई होहम चाहते थे खुश रहना पर अब जमाना खुश हैक्योंकि तुम मेरे पास ना होकर मेरे पन्नों में ... Share on: