मिट्टी का बना हूँ Admin बेइंतहा शायरी, इश्क << कुछ इसलिये भी ख्वाइशो को ... मोहब्ब्त किसी से तभी करना... >> मिट्टी का बना हूँ , महक उठूँगा ,बस तू इक बार बेइन्तहा बरस के तो देख !!!! Share on: