मोहब्बत सिर्फ दो जिस्मों की दास्ताँ नहीं है साहब Admin इश्क मोहब्बत की शायरी, इश्क << तुझे कोई और भी चाहे न समझ मैं भूल गया हूँ तुझ... >> मोहब्बत सिर्फ दो जिस्मों की दास्ताँ नहीं है साहब,ये एक रूह पे एक रूह के फ़ना होने की कहानी है !! Share on: