मुझको ढूँढ ही लेता है रोज किसी न किसी बहाने से Admin इश्क का दर्द शायरी, इश्क << चाहत वो नहीं जो जान देती ... तमाम उमर जिंदगी से दूर रह... >> मुझको ढूँढ ही लेता है रोज किसी न किसी बहाने सेदर्द हो गया है अब वाकिफ मेरे हर ठिकाने से। Share on: