ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं Admin हथियार पर शायरी, इश्क << हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सप... मुझ में बेपनाह मोहब्बत के... >> ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैंदिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं! Share on: